Kavitaayen
सवाल पूछा करो
अगर आवाज़ उठाने को, सवाल पूछने को सही समझते होअगर महज़ एक मतदाता नहीं खुद को नागरिक समझते होतो आवाज़ उठाया करो और सवाल पूछा करो।जरूरी नहीं कि तुम धरने पर बैठोजरूरी नहीं कि तुम जुलूसों में जाओजरूरी नहीं कि तुम बड़ी बग़ावत करोतुम बस अपने पढ़े लिखे को जाया न करोहर बात को तर्क और
इक्कीसवीं सदी का भारत
इक्कीसवीं सदी का भारत मैं बड़ा हुआ हूँ ये बात सुनते सुनते कि इक्कीसवीं सदी भारत की होगी स्कूल, कॉलेज और उसके बाद जाने ही कितनी बार ये बात सुनी थी। यही बात अनेक बुद्धिजीवियों ने, विचारकों ने भी कई बार कही थी यूँ तो ये बात नेताओं ने भी कही थी कई बार, और






