Fiction

सवाल पूछा करो

सवाल पूछा करो। अगर आवाज़ उठाने को, सवाल पूछने को सही समझते होअगर महज़ एक मतदाता नहीं खुद को नागरिक समझते होतो आवाज़ उठाया करो और सवाल जरूर पूछा करो। जरूरी नहीं कि तुम धरने पर बैठोजरूरी नहीं कि तुम जुलूसों में जाओजरूरी नहीं कि तुम बड़ी बग़ावत करो तुम बस अपने पढ़े लिखे को जाया

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इक्कीसवीं सदी का भारत

मैं बड़ा हुआ हूँ ये बात सुनते सुनतेकि इक्कीसवीं सदी भारत की होगीपहले स्कूल, फिर कॉलेज और उसके बादजाने ही कितनी बार ये बात सुनी थी। यही बात अनेक बुद्धिजीवियों ने,विचारकों ने भी कई बार कही थीयूँ तो ये बात नेताओं ने भी कही थीकई बार, और जाने कितने मंचों सेबस जब वो ये बात

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किताबें पढ़ते  हो ?

किताबें पढ़ते  हो ? हर दिन कुछ आगे बढ़ते हो ? पढ़ा करो हर दिन कुछ आगे बढ़ा करो पढ़ो इतिहास कि ग़लतियाँ ना दोहराएँ  वही पढ़ो इतिहास कि जान पाएं क्या है सही पढ़ो विज्ञान कि समझ आएं दुनिया के रहस्य सभी पढ़ो विज्ञान और बनो तर्कसंगत तुम भी पढ़ो कवितायेँ  व् कहानियाँ  दुनिया भर

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Book Review of Apni Apni Beemari _Harishankar Parsai

अपनी अपनी बीमारी

हरिशंकर परसाई जी एक ऐसे व्यंगकार थे जिनकी कलम से लिखे व्यंग बहुत गहरी मार करते हैं । उन्होंने हमेशा सामाजिक व् राजनैतिक जीवन के दोगलेपन , चाटुकारिता और ढोंग के बारे में खुलकर लिखा। उनके रचित व्यंग मात्र हंसी ठिठोली से कहीं अधिक होते हैं जो आपको मुस्कुराने के अलावा गम्भीरता से सोचने पर मजबूर करते हैं।

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Book Review of Aadha Gaon_Rahi Masoom Raza

आधा गाँव

आधा गाँव एक उपन्यास जो उत्तर प्रदेश के शिया मुसलमान बाहुल्य एक गाँव की कहानी है। दौर है सन 1947 का , जब राजनैतिक उथल-पुथल अपने चरम पर है। कांग्रेस और मुस्लिम लीग में तना तानी चल रही है और देश बंटवारे के दौर से गुज़र रहा है। ग्रामीण जीवन तथा बदलते राजनैतिक परिवेश में उसके यतार्थ को दर्शाता एक बेहतरीन उपन्यास।

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